शीर्षक - एक बूढ़े लकड़हारे और एक सच्चे संत की कहानी
एक गाँव मे एक लकड़हारा रहता था उसका नाम रामदास था जैसा उसका नाम था वैसा ही वह स्वभाव से भी वहुत सीधा था उसके घर मे केवल तीन ही प्राणी निवास करते थे,वह उसकी पत्नी और उसकी लड़की,उसकी पत्नी का नाम सुनीता था जैसा उसका नाम था बौसा उसका स्वभाव था उसकी लड़की का नाम निर्मिला था वह भी स्वभाव से वहुत सीधी -साधी थी
लकड़हारा बहुत निर्धन था उसके पास अपनी और अपने परिवार की जीवका चलाने एक मात्र साधन जंगल से लकड़ी लाना और जमींदार को बेच देना ही था इसलिए वह रोज जंगल जाता और जंगल से लकड़ी लाकर जमींदार को बेच देता था इसी से उसका गुजारा चल रहा था for read more purchase this