शीर्षक सात चोरो की कहानी
किसी गाँव मे एक चोर रहता था उस चोर के छ : लड़के थे वह चोरी करने मे इतना माहिर था कि कभी भी चोरी करते समय नहीं पकड़ा गया था, जिस घर मे वह चोर चोरी करता था वह इतने सूझ-बुझ से उस घर चोरी करता था कि उस घर के लोगो को जरा सी खबर भी नहीं होती थी और वह अपना हाथ साफ करके निकल जाता था
जैसे - जैसे उस चोर के लड़के बड़े होते गये -बैसे -वैसे वह अपने लड़को भी चोरी करने तरीखे सिखाता चला गया, और धीरे -धीरे एक दिन उस चोर के छ :लड़के भी नामी चोर बन गए
उसके बाद, उस चोर के छ : लड़के भी उसके साथ चोरी करने के लिए जाने लगे
जब भी वह चोर कही भी चोरी करने लिए जाता था था तो अवश्य ही अपने छ :लड़को को अपने साथ मे ही लेकर जाता था और वह चोर बहुत धन चुरा के लाता था इसी प्रकार वह अपना जीवन जी रहा था उसे पाप और पुन : का कोई भी ज्ञान नहीं था
उस चोर ने अपने सभी लड़को को एक बात बोल रखी थी कि जब भी तुम लोग किसी भी पंडित को कथा करते हुए देखोगे तो उसे भूल कर भी नहीं सुनोगे अपने दोनों हाथो से अपने दोनों कानो को बंद कर लोगे उस चोर के सभी लड़के अपने पिता की बात से सहमत थे for more reading purchase now